जय हिंद मेरे प्यारे किसान मित्रों, यदि आप अपने खेत में बिजली के खंभे या ट्रांसफार्मर को लेकर परेशान है तो आज आपका परेशानी दूर हो जाएगा। क्योंकि बिजली विभाग के अधिकारी को सत्य निर्देश दिया गया है कि जिन किसान के खेत में बिजली के खंभे या ट्रांसफार्मर है उनको उचित मुआवजा प्रति महीने या एकमुश्त भुगतान करें अन्यथा किसानों के द्वारा संबंधित बिजली विभाग के अधिकारी पर कानून कार्रवाई की जा सकती है।
आखिर इस संदर्भ में क्या कुछ करना है हम आपको इसी आर्टिकल में बताए हैं जिससे कि आप इस समस्या का समाधान कर पाएंगे। तो चलिए आइए किस आर्टिकल में लिखी गई सभी बातों को ध्यान पूर्वक पढ़ कर समझने का प्रयास करते हैं ताकि हर समस्याएं जो अभी चल रही है उसका समाधान हो पाए।
अगर आप किसान है और आपके खेती में DP या खंभा है, तो किसानों को विद्युत अधिनियम के तहत 2003 की धारा 57 के तहत बहुत सारे लाभ किसानों को मिलता है। लेकिन बहुत से किसानों को इस नियमों की जानकारी नहीं है या ऐसे भी किसान है जिन्हे कानून (MSEB) की जानकारी है लेकिन लाभ प्राप्त करने के तरीके नहीं जानते।
तो चलिए आइए जानते हैं है कि एमएसईबी कानून क्या है इसके तहत किसानों को कौन-कौन से लाभ मिल सकता है।
MSEB Farmers Transformer Subsidy
किसान (MSEB) द्वारा कनेक्शन के लिए लिखित आवेदन की तारीख से तीस दिनों के भीतर किसान को कनेक्शन प्राप्त होना चाहिए। नहीं मिलने पर कानून कहता है कि किसानों को प्रति सप्ताह 100 रुपये मुआवजा दिया जाएगा।
साथ ही अगर ट्रांसफार्मर में कोई फॉल्ट है तो कंपनी 48 घंटे के अंदर आपको ट्रांसफार्मर काम करके देंगी, नहीं मिलने पर इस (MSEB) एक्ट के तहत 50 रुपये की अनुशंसा भी की गई है।
विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 57 एवं अनुसूची क्रमांक 30(1) दिनांक 07/06/2005 के अनुसार विद्युत कृषकों को कंपनी के मीटर (MSEB) पर निर्भर रहने के स्थान पर अपना स्वयं का स्वतंत्र मीटर (MSEB) लगाने का अधिकार दिया जाया था।
कंपनी मीटर और घर (MSEB) के बीच केबल की लागत भी वहन करती है। ग्राहक नियम और शर्तों में शर्त संख्या 21 बताती है।
यहां से करें ऑनलाइन आवेदन
उसके बाद अगर नया बिजली कनेक्शन (MSEB) यानी घरेलू कनेक्शन लेना हो तो पंद्रह सौ रुपये और कृषि पंप के लिए पांच हजार रुपये पोल और अन्य खर्चे भी कंपनी इस कानून के मुताबिक करती है। डीपी और पीओएल मिलकर किसानों को प्रति माह 2000 रुपये से 5000 रुपये बिजली मिलती है। बहुत किसानो को इसकी जानकारी नहीं है।
पर कोई कंपनी बिजली को एक खेत से दूसरे खेत (MSEB) तक पहुंचाना चाहती है, तो उसे स्टेशनों, ट्रांसफार्मर, डीपी और खंभों को भी जोड़ना होगा।
तो इस जमीन का किराया प्राप्त करने के लिए (MSEB) कंपनी किसानों (MSEB) के साथ जमीन का किराया समझौता करती है और उसके तहत किसानों को दो से पांच हजार रुपये मिलते हैं। अगर आप बिजली कंपनी को अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी NOC सर्टिफिकेट दिया है तो आप उस कंपनी से किराया नहीं वसूल सकते है।
अधिक जानकारी हेतु आप नजदीकी बिजली विभाग से संपर्क कर सकते हैं और जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं
उपरोक्त बताए गए सूचना को आप एक बार अच्छी तरीका से जांच पड़ताल कर ले अन्यथा इस सूचना से संबंधित किसी भी प्रकार का साथ ना मिलने पर इसका जिम्मेदार आप स्वयं हो जाए अर्थात इसका जिम्मेदार कंटेंट राइटर किसी भी कीमत पर नहीं होगा।
उम्मीद है कि आपको इसके बारे में अच्छी तरीका से जान पाए होंगे!
अतः आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आप किस आर्टिकल को लाइक शेयर एवं एक प्यारा सा कमेंट जरुर करेंगे धन्यवाद!